फिल्म समीक्षा: दिया
एक खूबसूरत सी लव स्टोरी जो प्यार से शुरू होती है और......पर जाकर खत्म होती हैं ।
फ़िल्म की स्क्रिप्ट भी गजब की ट्विस्ट लेकर लिखी गई हैं ।
मूवी शुरू होती हैं दिया स्वरूप के एक तरफ प्यार से । उसे अपने कॉलेज में पढ़ने वाले रोहित से प्यार हो जाता हैं । रोहित को भी उससे प्यार हो जाता है, ठीक उसी की तरह यह मूवी में आगे पता चलता हैं ।
इससे पहले की दिया अपने प्यार का इज़हार रोहित से करें, रोहित जॉब के लिए कोरिया चला जाता हैं । लेकिन दिया को भुला नही पाता और वापस लौटता है और दिया के फ्लैट के बिल्कुल सामने वाले फ्लेट में रुकता हैं । फिर दोनो एक दूसरे से अपनी प्यार भरी भावनाएं जाहिर करते हैं की दोनो एक दूसरे को चाहते थे लेकिन अभी अपने प्यार का इज़हार नही कर पाएं ।
फिर दोनो की खूबसूरत सी लवर स्टोरी चलना शुरू हो जाती हैं । इस लव की खूबसूरती आपको मूवी देखने पर ही नज़र आएगी ।
"एक दूसरे के हाथ मे हथेली रखकर उसे तीन बार दबाओ मतलब की आई लव यू और बदले में सामने वाला दो बार हथेली दबाएं यानी कि मी टू । यह बचपने जैसा है लेकिन अनकहे शब्दो से अपनी भावनाओं को जाहिर करना बहुत ही अच्छा लगता हैं ।"
फिर एक ट्विस्ट आता है और उनका एक्सीडेंट हो जाता है जिसमे रोहित की डेथ हो जाती हैं । प्यार भरी लाइफ का एंड हो जाता हैं । दिया अवसाद में चली जाती है । उसके फादर उसके मूड के बदलाव के लिए दूसरे शहर में अपने रिश्तेदार के पास भेज देते हैं ।
"जिंदगी सरप्राइज और मिरकल्स से भरी पड़ी हैं ।"
इस शहर में उसे आदि मिलता हैं, जो कि जिंदगी के प्रति बहुत ही पॉजिटिव हैं। (अपनी माँ की वजह से) । आदि दिया को वापस से जिंदगी जीना सिखाता हैं ।
"परेशानियां दाढ़ी के जैसी है, जितनी बार भी साफ कर दो, उग ही आती हैं । लेकिन पॉजिटिव नज़रिया यह है कि जिंदगी में इंटरेस्ट भी इन्ही परेशानियों से हैं ।"
धीरे धीरे आदि दिया कि जिंदगी को पटरी पर ले आता हैं । रोहित की वजह से जो ख़ालीपन दिया कि जिंदगी में आया था वो आदि की वजह से भरने लगता हैं ।
वो आपस मे अच्छे दोस्त बनते है और धीरे धीरे ये दोस्ती प्यार में बदलने लगती हैं । इन दोनों की केमिस्ट्री को भी बहुत ही अच्छे तरीके से फिल्माया गया है । इनके बीच के डायलॉग्स, एक दूसरे के साथ समय बिताना ओर फिर एक दूसरे को बिना आई लव यू बोले, प्रपोज करना बहुत ही खूबसूरत हैं । इसे भी आप मूवी देखकर ही समझ सकते हैं ।
मूवी में फिर ट्विस्ट आता है । पता चलता है कि रोहित जिंदा हैं । एक्सीडेंट की वजह से वो कौमा में चला गया था । वो ठीक हो या ना हो, उसके लिए दिया अपनी जिंदगी खराब न कर लें, इसी वजह से दिया को झूठ बोला गया था कि रोहित मार चुका हैं । अब मूवी में ट्राएंगल सा बन जाता हैं । रोहित और दिया कि शादी तय हो जाती है, लेकिन आदि दिया को भुला नही पाता हैं ।
"प्यार ही मुख्य कारण है ग़म का और खुशी का"
मूवी में फिर ट्विस्ट आता है । और फिर और ट्विस्ट ।
ये दोनो ट्विस्ट आप मूवी में देखेंगे तो ही अच्छे लगेंगे, यहाँ पढ़ने में मज़ा नही आएगा ।
अंतिम ट्विस्ट से दर्द सा उभरता है जहन में ।
बकौल किसी के की "बहुत दर्द है यहाँ, इतना दर्द की यह चुभता है कांच के टूटे हुए टुकड़ो की तरह दिमाग में" सभी को इन दर्दो से छुटकारा चाहिए, लेकिन यह जिंदगी का हिस्सा हैं, इसी के साथ जीना तो पड़ेगा ही ।
शुक्रिया । 🦋
मूवी : Dia (2020)
Audio : हिंदी & कन्नड़
अवेलेबल : Prime Video
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