फिल्म समीक्षा: नेब्रास्का

 

Nebraska

पिता और पुत्र के संबंधों पर बनी बहुत ही खूबसूरत ब्लैक एंड व्हाइट मूवी ।

मूवी में पिता अपने समय मे बहुत साफ दिल का इंसान रहा हैं ।
लेकिन अच्छे लोगो के साथ दिक्कत यह होती है की, वो अधिकतर दूसरों के द्वारा यूज किये जाते है। ऐसा उनके साथ भी होता है और शायद उसके ग़म में वो शराबनोशी करने लगते हैं । बुढ़ापे तक आते आते उन्हें भुलने की बीमारी हो जाती हैं । उन्हें मलाल भी रहता है कि वो अपने बच्चो के लिए कुछ कर नही पाए।

उन्हें एक टिकट मिलता है जिसमे उनको एक करोड़ रुपए का इनाम जीतना बताया जाता है और उसके लिए उन्हें
मोन्टाना से नेब्रास्का तक का सफर तय करना पड़ेगा ।

पुत्र को मालूम है की ये टिकट एक फ्रॉड कम्पनी का है । उनका काम लोगो को बेफकुफ बनाना है । लेकिन पिता नही मानते और कई बार वो पैदल ही सफर पर निकल जाते है । उन्हें याद ही नही रहता कि आसपास क्या हो रहा हैं । बस उन्हें धुन लगी रहती है कि मुझे नेब्रास्का जाना हैं, एक करोड़ रुपये लाने हैं और अपना सपना पूरा करना हैं ।

पुत्र अपने पिता की खराब हालत को देखकर एक दिन अपने पिता के साथ उस सफर पर निकल जाता है, जो कि 3-4 दिन का होता हैं ।

इस सफर में उनका रिश्तेदारों और दोस्तो से भी मिलना होता हैं । पुत्र को रिश्तेदारों और दोस्तो के जरिए अपने पिता के बारे में काफी नई जानकारियां मिलती है जिससे पुत्र को पता चलता है कि उसके पिता कितने नैक इंसान रहे हैं ।

जब दोस्तो और रिश्तेदारों को पता चलता है कि वो अब करोड़पति होने वाले हैं । सभी रिश्तेदार रुपयों के मोह में उनसे अपना पुराना उधार चुकाने की बात करते है जो की असल मे होता ही नही है ।

मूवी में पिता पुत्र और पत्नी के बीच की नोंक झोंक बहुत ही मजेदार हैं । गम्भीर मूवी में भी आपको हँसी आने लगती हैं । खासकर पत्नी की बातें जबरदस्त हास्य पैदा करती है जो सिर्फ और सिर्फ औरते ही कर सकती हैं ।

पिता का सपना उन पेसो से एक ट्रक खरीदने का होता है और अपने दोस्त से लिया गया एयर कंप्रेसर वापस लेने का ।

मूवी धीमे धीमे आगे बढ़ती हैं ।

पिता के लिए पुत्र का समर्पण और साथ ही उनका भावनात्मक जुड़ाव देखने को मिलता है जो कि आज की युवा पीढ़ी में लगभग नदारद सा हैं ।

इंसान एक उम्र के बाद सब कुछ भूलने लगता है । उसकी कई इच्छाएं अधूरी रह जाती है । ऐसे में वो ऐसे किसी एक काम को पकड़ लेता है और उसको पूरा करने में अपनी जी जान लगा देता है, की शायद ये उन कामो का प्रायश्चित हो, जिन कामो को वो अपने जीवन मे करना चाहता था, लेकिन कर न पाया और अब इस काम को पूरा करने के जरिये से, उसे ऐसा महसूस हो जाएं कि सभी काम पूरे हो गए, जीवन बेकार नही गया ।

मूवी के अंत मे पुत्र अपने पिता का सपना पूरा करता है, उस लाटरी के टिकट से मिली धनराशि से या फिर किसी और जरिए से । यह आप मूवी में देखें ।

पिता और पुत्र के अलावा एक पहलू और देखने को मिलता है कि औरत और आदमी के मुकाबले आदमी अपने बुढ़ापे में ख़ालीपन से ज्यादा पीड़ित रहता हैं। उसका कठोर होना उसके ख़ालीपन की नियति बन जाता हैं ।

मूवी धीमी गति से चलती है और हो सकता है कि आपको बोर भी कर दें । लेकिन जिन लोगो को इमोशनल मूवीज पसंद है, इंसानी रिश्तों को करीब से देखना पसंद हो और मूवी देखने का सब्र हो, यह मूवी उनके लिए है ।
युवा पीढ़ी में इस तरह के मूवी के लिए सब्र नही, इसलिए ये मूवी उनको पसंद नही आएगी ।

शुक्रिया ।

Movie : Nebraska (2013)
Audio : Hindi & English
Availability : Prime Video

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