फिल्म समीक्षा: वाठी (सर)

 

Vaathi

अभी Vaathi मूवी देखी ।

यह मूवी शिक्षा के बाजारीकरण पर आधारित हैं ।

मूवी स्टार्ट होती है एक टीचर के वीडियो कैसेट से । पूरी मूवी फ़्लैश बेक में चलती हैं ।

बालू सर एक प्राइवेट शिक्षण संस्थान में जूनियर लेक्चर हैं । उनको एक एग्रीमेंट के तहत गांव में एक कॉलेज में नियुक्त किया जाता हैं । जहाँ वो अपने टेलेंट से और आगे बढ़ने की चाहत से गांव के सभी बच्चो में पढ़ने की ललक जगा देते हैं । उनके कॉलेज का रिजल्ट भी 100 % हो जाता हैं ।

आगे पता चलता है कि उनकी नियुक्ति के पीछे सिर्फ सरकारी कॉलेज को चलाना था न कि उन्हें टॉप पर पहुँचाना ।

फिर आगे शिक्षा माफिया द्वारा बालू सर को कॉलेज से और गांव से भी बेइज्जत करके निकलवा दिया जाता हैं । उन्हें कोई नौकरी नही देता ।

बाकी आगे क्या होता है वो आप मूवी में देखिए ।

मूवी में दिखाया गया है कि अच्छी शिक्षा सिर्फ मीडियम क्लास लोगो के लिए ही होनी चाहिए। लोअर मीडियम क्लास अपनी मजदूरी में अपना जीवन बसर करें ।
यह पढ़ाई उनके लिए नही ।

बड़े बड़े प्राइवेट शिक्षण संस्थान अच्छी तनख्वाह का लालच देकर अच्छे शिक्षकों को अपने संस्थान से जोड़ लेते हैं । उनकी वजह से लोअर क्लास को अच्छी शिक्षा नही मिल पाती हैं ।

मूवी में बालू सर को यह भूमिका दी गई है कि वो गरीब बच्चो तक उस शिक्षा से वंचित न होने दे ।
वो इस भूमिका के साथ न्याय भी करते हैं ।

लेकिन यह सब मूवीज में देखने मे अच्छा लगता है । कुछ देर के लिए हम भी मोटिवेट हो जाते हैं ।

दरअसल हम इंसानो के दिमाग को इस तरह से बचपन मे प्लान कर दिया जाता है कि कोई मसीहा आकर आपके सपनो को पूरा करेगा । मूवीज में भी यही दिखाया गया हैं ।
असल मे सभी इंसान अपने अपने स्वार्थ से एक दूसरे से जुड़ते है, बिना स्वार्थ के कोई मेल मिलाप नही ।

आज इंसान के लिए शिक्षा और मेडिकल, ये दोनों बहुत जरूरी है । लेकिन दोनो ही पूंजीवाद की जबरदस्त चपेट में हैं । इनका बाहर निकलना नामुमकिन हैं ।
सरकारी स्कूल बंद हो रहे है और सरकारी अस्पतालों की हालत भी बुरी हैं । वहाँ जानवरो की तरह इंसानो का ईलाज होता हैं ।

सरकारी स्कूल के टीचर सिर्फ अपनी नौकरी के घंटे पूरे करने आते है और प्राइवेट स्कूल के टीचर अपना टारगेट । जिस तरह से शिक्षा माफिया अपने आपको मजबूत किए जा रहे है, आने वाले समय को देखकर लगता है कि अच्छी पढ़ाई सिर्फ अच्छे लोगो के लिए ही रह जाएगी । गरीबो के लिए यह सिर्फ साक्षर होने तक सीमित रह जायेगी ।

किसी समय शिक्षा से अच्छे इंसान बनाए जाते थे और अब सिर्फ नौकरी करने वाले इंसान ।

बालू सर जैसे कितने होंगे यहाँ, जो सबको इनकी प्रतिभा के हिसाब से शिक्षित कर सकें । नही के बराबर हैं । किसी भी ईमानदार इंसान के लिए ईमानदारी से इस समय सर्वाइव करना बहुत मुश्किल हैं । अंत मे उसकी हालत सत्यकाम मूवी के नायक सत प्रिय जैसी हो जाती हैं ।

आम इंसान अपनी रोजमर्रा की जरूरत पूरी नही कर पा रहा हैं, वो क्या खाक अपने बच्चो को अच्छी शिक्षा से रूबरू करवा पायेगा ।

यह विचारणीय पहलू हैं ।

शुक्रिया । 🤗🦋

Movie : Vaathi (2023)
Audio : Hindi & Tamil
Availability : Netflix

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