फिल्म समीक्षा: द डेनिश गर्ल

 

The Danish Girl

यह मूवी पुरुष से, स्त्री बनने के सफर पर आधारित हैं ।

आइनार और गेर्डा दोनो पति पत्नी है और पेशे से दोनो बहुत अच्छे चित्रकार हैं । दोनो पति पत्नी से ज्यादा जोड़े नज़र आते हैं, एक दूसरे के प्यार में गुम खूबसरत जोड़ी ।

एक बार एक पेंटिंग के लिए गेर्डा अपने पति आइनार को कुछ देर के लिए एक महिला मॉडल के रूप में रहने को बोलती है, ताकि उसकी एक अधूरी पेंटिंग पूरी हो जाए, उसे सिर्फ पैरों का हिस्सा कंपलीट करना होता है । इस दौरान वो आइनार की पूरी बॉडी पर स्त्री की ड्रेस डाल देती हैं ।
बस इसी वक्त कुछ ऐसा होता है कि आइनार की दुनिया बदलने के रास्ते खुल जाते हैं । उसके अंदर ऐसा कुछ ट्रिगर हो जाता है कि जो उसके अंदर के स्त्री होने के भाव को जाग्रत कर देता हैं । वो उन कपड़ो में खो सा जाता हैं ।

रात्रि में जब दोनो अंतरंग होने लगते है तो आइनार अपनी पत्नी गेर्डा को उसकी नाइटी उतारने नही देता और वो उन कपड़ो में खुद को महसूस करने लगता है। गेर्डा यह समझ नही पाती ।

अगले दिन एक पार्टी से लौटने के बाद जब वो फिर अंतरंग होने के लिए कपड़े उतारते है तो पत्नी देखती है कि आइनार ने अपनी ड्रेस के नीचे उसकी नाइटी पहनी हुई होती है । लेकिन अभी भी गेर्डा उस पर ज्यादा ध्यान नही देती और उसके साथ रोमांस में बिजी हो जाती हैं । अंतरंगता के दौरान आइनार खुद को एक लड़की जैसा महसूस करवाता है ।

दूसरे दिन गेर्डा, सोते हुए आइनार की पेंटिंग बनाती हैं, जिसमे वो आइनार का लुक एक औरत के जैसा बना देती हैं।

शाम को दोनो को एक पार्टी में जाना होता हैं। गेर्डा अपने पति आइनार को एक स्त्री के गेटअप में ले जाती है, आइनार उस खूबसूरत औरत का नाम "मिस लिली" देता हैं और उसे आइनार की कजिन बताकर पार्टी में लोगो से मिलवाया जाता हैं ।

उस पार्टी में आइनार, लिली बनकर बहुत खूबसूरत लगता हैं । उसे एक हेनरी नाम का आदमी औरत समझकर आकर्षित होता है दोनो बातचीत करते है और वो आदमी उसे औरत समझकर किस करता हैं । यहाँ पर आइनार पुरुष होकर खुद को स्त्री होने के भाव मे पाता है और अपना रिएक्शन एक स्त्री की तरह ही देता हैं।

गेर्डा यह सब देखकर हैरान रह जाती हैं और लिली के ड्रामे को खत्म करने को बोलती है, लेकिन तब तक देर हो चुकी होती हैं ।

आइनार अब खुद को पूर्ण स्त्री के समान महसूस करने लगता हैं । वो आईने के सामने नेक्ड होकर खुद को स्त्री होने के भाव से पूर्ण समझकर आत्म मुग्ध होने लगता हैं । अब उसे लिली बना रहना ही अच्छा लगता हैं ।

आगे देखते है कि आइनार लिली बनकर वो उस पार्टी वाले आदमी हेनरी से मिलने लगती हैं । वो उससे अंतरंग होने की कोशिश करता है लेकिन अपने राज़ खुलने के डर से लिली बना हुआ आइनार वहाँ से चला जाता हैं ।
गेर्डा मामले की गम्भीरता को समझ डॉक्टर को दिखाती है, लेकिन वो उसे सही समझ नही पाता ।
आइनार के नाक से खून बहना और उस समय पेट मे दर्द होना, ऐसा महीने में एक बार होना, उसके मासिक धर्म की और इशारा करता हैं । आइनार में मौजूद स्त्री उर्फ लिली का अस्तित्व बाहर आ जाता है जिसे डॉक्टर केमिकल इनबैलेंस कहते हैं, उसे दिमागी रूप से कमजोर बताते हैं ।

आइनार गेर्डा को अपने बचपन की एक बात बताता है जिसमे आइनार में मौजूद लिली को उसका एक दोस्त किस कर लेता हैं । आइनार के पिताजी उसे देख लेते है और उसके दोस्त को पीटकर वहाँ से भगा देते हैं । उस समय आइनार मे मौजूद लिली बहुत हल्के से ट्रिगर होती है, लेकिन अपने पिताजी के डर से, प्रतिकूल माहौल मिलने से लिली डरकर छुप जाती है और आइनार जाहिर रह जाता हैं । लेकिन पेंटिंग के दौरान, माहौल की अनुकूलता से लिली को बाहर आने का कोई डर नही रहता और वो बाहर आने लगती हैं ।

इस बीच गेर्डा द्वारा आइनार की स्त्री रूप की बनाई गई पेंटिंग बहुत पसंद आती है और पेरिस में उसकी एक प्रदर्शनी लगती है जहाँ उन पेंटिंग को काफी सराहा जाता हैं । वो डेनमार्क छोड़कर पेरिस चले जाते हैं । वहाँ उनकी पर्दशनी काफी फेमस होती हैं । रात को गेर्डा आइनार के साथ अंतरंग होने की कोशिश करती है, लेकिन आइनार उसका साथ नही देता । अब वो अपने लिली होने के गुमान में गुम होकर रह जाता है और आइनार को भूलना चाहता हैं । पुरुष आइनार का रूप, स्त्री लिली को सहन करना अब मुश्किल हो जाता हैं ।....बाकी की स्टोरी आप मूवी में देखें ।

मूवी में पत्नी के रूप में गेर्डा का, आइनार के प्रति प्यार, उसके प्रति समर्पण और निष्ठा भाव बहुत अच्छे से दिखाया हैं । वो पूरी मूवी में अपने पति का साथ देती है यहाँ तक कि उसके स्त्री होने को भी वो स्वीकार कर लेती हैं । यह बहुत ही मुश्किल काम हैं । इस तरह का प्यार सिर्फ सच्चे जोड़ों में ही नज़र आता हैं ।

"प्यार का मतलब बांधे रखना नही, बल्कि मुक्त करना हैं ।" ❤️

हर मनुष्य स्त्री और पुरुष से मिलकर बना होता है, जिस जीन की प्रभाविता होती है, उसी के प्रभावित रूप अर्थात स्त्री या पुरुष के रूप में हम जन्म लेते हैं । लेकिन कई बार अपवादस्वरूप स्त्री के शरीर मे पुरुष या पुरुष के शरीर मे स्त्री का जन्म हो जाता हैं । इसे नार्मल नही माना जाता हैं । कभी कभी स्त्री, अपवादस्वरूप पुरुष के शरीर में जन्म ले लेती हैं, लेकिन शारीरिक रूप से पुरुष होने की वजह से और प्रतिकूल माहौल होने की वजह से वो पुरुष बनकर रह जाती है । कभी कभी अनुकूल माहौल मिलने पर उस स्त्री को ट्रिगर होने का मौका मिल जाता हैं । वो ट्रिगर होकर बाहर आ जाती है और उस पुरुष के अस्तित्व पर हावी होकर, उसे स्त्री बने रहने पर मजबूर कर देती हैं । मूवी में आइनार के साथ यही होता हैं ।

इस विषय पर, इसी ग्रुप में, एक डिटेल पोस्ट भी लिखी थी, जिसमे बीज अर्थात जीन और उसके अनुकूल और प्रतिकुल माहौल के बारे में अपना नजरिया बताया था ।

मूवी 15+ हैं । मूवी में स्टोरी के हिसाब से कुछ नेक्ड सीन है, जो देखने मे बिल्कुल भी अश्लील नही हैं । उन दृश्यों के द्वारा आइनार के स्त्री होने के भाव- भंगिमाओं को दिखाने की कोशिश की गई हैं । अगर आप इस तरह के सीन के लिए मैच्योर है तो देखे, अन्यथा फैमिली और बच्चो के साथ मूवी न देखें ।

शुक्रिया । 🦋

Movie : The Danish Girl (2015)
Audio: English
Availability : Prime Video

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