फिल्म समीक्षा: क़ला

 

Qala (2022)

कल यह मूवी देखी । बॉलीवुड में तड़का मूवी के बाद मुझे यह मूवी अच्छी लगी ।

मूवी बहुत ही बेहतरीन बनी हैं । फ़िल्म की कहानी, डायरेक्शन औऱ म्यूजिक बेहतरीन हैं ।

सिनेमेटोग्राफी इतनी जबरदस्त है कि आपको मूवी के काफी सीन कैप्चर कर उसे अपनी डीपी पर, स्टेटस पर लगाने, घर मे वाल पर लगाने का मन करेगा ।

मूवी में जब माँ को जब पता चलता है कि उसके गर्भ में दो बच्चे थे जिनमें से एक बच्चा- लड़की बचती है क्योंकि वो दूसरे बच्चे- लड़का का पूरा पोषण ले लेती हैं । उसे उस बच्ची से नफरत हो जाती हैं ।

वो बच्ची अपनी माँ से संगीत सीखना चाहती है लेकिन उसे कामयाबी नही मिलती । क्योकि उसकी माँ को अपनी विरासत में पंडित चाहिए होता है न कि एक बाई ।

वो बच्ची संगीत तो पूरा नही सीख पाती, लेकिन वो सभी सीख जाती है, जो संगीत से ज्यादा जरूरी होता है । बाकी की स्टोरी आप मूवी में देखिए ।

मूवी में कला का बेहतरीन अभिनय है । वह पूरी मूवी में वो अपने डर और घुटन को जीती हुई नजर आती है । वो सब कुछ पाकर भी अंदर से खोखली होती जाती है । इससे पहले वो 'बुलबुल' मूवी में अपने बढ़िया अभिनय के साथ नज़र आई थी ।

गगन जिसकी जिंदगी उसकी अपनी आवाज में बसती है, उसे खोने के बाद उसके पास जीने का कोई कारण बचता नही ।

गगन की शायद यह पहली फ़िल्म है, जिनमे उन्होंने अपने आपको एक कलाकार के रूप में प्रेजेंट किया है ।उनका चेहरा कलाकार के जैसा लगता है, किसी स्टार की तरह नही । जैसे कि उसके मरहूम फादर भी अपने आपको स्टार की बजाय एक्टर कहलवाना पसंद करते थे ।
गगन आने वाले समय मे अपने अभिनय से अपने फादर की कमी को पूरा करते हुए नज़र आएंगे ।

एक इंसान के द्वारा, किसी दूसरे इन्सान पर किये गए गलत काम की गिल्ट, उस इंसान को जीने नही देती ।

झील के साथ के सभी सीन औऱ उनके साथ का संगीत बहुत ही अदभुत शांति और सुकून देता हुआ नजर आता है ।
मूवी के अंतिम हिस्से में स्टूडियो के सीन औऱ उसके साथ कला का अभिनय बहुत ही जबरदस्त है । यह आपको मूवी देखने पर ही पता चलेगा ।

मूवी के सभी गीत सुनने लायक है । मन को शांति प्रदान करते हैं ।

मूवी देखी जाने योग्य हैं ।

शुक्रिया । 🤗

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