इनफिनिटी: द साइकिल ऑफ़ सिविलाइजेशन
यह कहानी है ग्रैडिअस नाम
के एक ऐसे ग्रह की जो हमारी ही दुनिया के समरूप है, जहाँ वे
इंसान हैं जिनकी पहचान कैथियंस के रूप में होती है। वे हमारे जैसे न हो कर भी
हमारे ही जैसे हैं। उनकी दुनिया में भी धर्म और विज्ञान का सतत वैचारिक संघर्ष है।
उनकी भी ठीक पृथ्वी जैसी ही मत मान्यतायें हैं... कि यह दुनिया,
यह यूनिवर्सल सिस्टम किसी बेंडौरह या एलाह जैसी ईश्वरीय शक्ति ने
बनाया है और उसने क्रिस्टोफर और एडविना के रूप में दो कैथियंस ग्रैडिअस पर भेजे थे
जिनसे समस्त कैथियंस का जन्म हुआ।
लोग उसी ईश्वरीय शक्ति की
इच्छानुसार कर्म करने पर मजबूर हैं लेकिन उसने अच्छाई और बुराई चुनने की छूट दे
रखी है और उसी आधार पर कयामत के दिन सबका फैसला करके उन्हें हैवियन यानि स्वर्ग का
सुख या शुबूगा यानि नर्क की सजा दी जायेगी। उनके बीच भी अलग-अलग धर्म हैं जैसे
इस्लाम के समकक्ष फरायम, हिंदुत्व के समकक्ष वेयराइज्म, क्रिशचैनिटी के समकक्ष निब्रसिज्म या बुद्ध, महावीर,
मुहम्मद, ईसा, मूसा,
इब्राहीम, नूह के समकक्ष वूडो, वांगटी, थास्बट, बबूसा,
रूजा, माइल, लूआ जैसे
पैगम्बर और एलाह, बैंडोरह जैसे अलग-अलग मान्यताओं में
अलग-अलग संबोधन वाला ईश्वर।
उनमें हममें एक फर्क है कि
हम अभी विकास से विनाश की ओर अग्रसर अपने अंत तक पहुंचने के सफर में हैं और वे
हमसे कई सौ साल आगे उस प्वाइंट तक पहुंच चुके हैं जहाँ उन्होंने तरक्की तो बहुत कर
ली है लेकिन ठीक इंसानी तर्ज़ पर विकास और तकनीक की भूख के चलते अपनी खूबसूरत
दुनिया को विनाश की कगार पर पहुंचा दिया है और अब ग्रैडिअस पर कैथियंस के सर्वाइवल
की कोई कंडीशन नहीं बची और वे किसी नये ठिकाने की तलाश में हैं।
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