जुगनू क्यों चमकता है

 


जुगनू आखिर क्यों चमकता है?

जुगनू को जब भी हम देखते हैं, तो बड़े अचम्भित हो जाते हैं। कि इसके शरीर में लाइट कैसे जलती है। जुगनू बरसात के मौसम में अधिक दिखाई देता है। जुगनू एक छोटा सा कीड़ा होता है।

और यह रात में काफी सुंदर दिखाई देता है।जुगनू लगातार नहीं चमकते, बल्कि एक निश्चित अंतराल पर कुछ समय के लिए चमकते और 'बुझते' रहते हैं। इस रोशनी का प्रयोग ये जुगनू अपने साथी को आकर्षित करने के लिए करते हैं।

नर और मादा जुगनुओं से निकलने वाले प्रकाश के रंग, चमक और उनके 'जलने-बुझने' के समय में थोड़ा-सा अंतर होता है।

इन्हीं के आधार पर वे दूर से भी एक-दूसरे को पहचान लेते हैं। इसके अलावा इनके शरीर का यह प्रकाश स्वयं को दूसरे कीटभक्षियों से बचाने और अपना भोजन खोजने में भी इनकी मदद करता है।

अब सवाल आता है कि आखिर ये जुगनू चमकते कैसे हैं? वर्ष 1667 में इस चमकने वाले कीट की खोज वैज्ञानिक रॉबर्ट बायल ने की थी। शुरू में तो यह माना जाता था कि ये जीव फास्फोरस की वजह से चमकते हैं...

लेकिन आगे चलकर इस संबंध में हुए प्रयोगों में कुछ और नई बातें पता चलीं। सन्‌ 1794 में इतालवी वैज्ञानिक स्पेलेंजानी ने यह साबित किया कि जीवों में प्रकाश उनके शरीर में होने वाली रासायनिक क्रियाओं के कारण पैदा होता है। ये रासायनिक क्रियाएं मुख्य रूप से पाचन संबंधित होती हैं।

इन रासायनिक क्रियाओं की वजह से खासतौर पर 'ल्युसिफेरेस' और 'ल्युसिफेरिन' नामक प्रोटीन का निर्माण होता है लेकिन रोशनी तभी पैदा होती है जब इन पदार्थों का ऑक्सीजन से संपर्क होता है।

ऑक्सीजन के साथ मिलने से ल्यूसिफेरिन आक्सीकृत होकर चमक पैदा करने लगता है। जुगनुओं का यह प्रकाश पीला, हरा, लाल या मिश्रित आदि हो सकता है।

वैसे, प्रकृति में जुगनुओं की तरह चमकने वाले कई और जीव भी मौजूद हैं। रोशनी पैदा करने वाले जीवों की करीब एक हजार प्रजातियां खोजी जा चुकी हैं। इनमें से कुछ पृथ्वी के ऊपर पाई जाती हैं तो कुछ समुद्र की गहराइयों में।

कुछ बैक्टीरिया, कुछ प्रजाति की मछलियां, शैवाल, घोंघे, जैली फिश, केकड़ों में भी रोशनी पैदा करने का गुण होता है।शरीर से रोशनी पैदा करने वाले ऐसे जीवों के प्रकाश को 'जीवदीप्ति' कहा जाता है। इनका यह प्रकाश 'शीतल' प्रकृति का होता है।

जुगनुओं की कुछ प्रजातियों में तेज रोशनी पैदा होती है। पुराने समय में तो लोग रात को इनका प्रयोग 'लैंप' की तरह किया करते थे।


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