दूसरा आयाम

 


क्या होते हैं आयाम ?

क्या दूसरे डायमेंशन में कोई और भी है .??

आज बात करते हैं दूसरे डायमेंशन कि डायमेंशन... की बात हो रही है तो मैं आपको बता दूं डायमेंशन..3 नहीं 11 होते हैं इसके बारे में अलग से लिख दूंगा

आप सोचे कि आप इंसान नहीं एक छोटी सी चींटी हैं और आप एक टेबल पर चल रहे हैं और आपके आगे पेपर पढ़ा है वह पेपर कहां पर हैं यूं समझ लीजिए वहा पेपर स्पेस में है जगह घेरे हुए.. ब्रह्मांड में जितनी भी चीजें हैं वह सब इस स्पेस में जगह घेरे हुए हैं स्पेस का मतलब ही होता है जगह जिसमें कोई ना कोई वस्तु जगह घेरे हुए होती है।

स्पेस कितना है कितना घेरे हुए हैं या तो कोई नहीं बता सकता क्योंकि अब तक जितनी भी जानकारी सामने आई है स्पेस अनंत है और लगातार फैल रहा है स्पेस में यात्रा कहीं से भी की जा सकती है ऊपर नीचे दाएं बाएं आप 3 तरीके से समझ लीजिए जैसे x ,y,z ऐसे भी कहा जाता है यही हमारे लिए थ्री डायमेंशन की दुनिया होती है जिसे हम वास्तविकता कहते हैं जो बस हमारे लिए है।

अब वापस आ जाते हैं चींटी वाली कहानी पर हम टेबल पर थे और हमारे सामने टेबल पर एक पेपर पढ़ा था हम यह सोच रहे थे कि हमारी दुनिया में इस पेपर के लिए कितनी जगह है यह बोलते ही कुछ पेपर और टेबल पर आ गिरते हैं और वहां टेबल का स्पेस घेरने लगते हैं हमारे लिए तो बस वह दो dimension वाली टेबल है जो हमारी पूरी दुनिया है धीरे-धीरे वह पूरी दुनिया भी पेपरों से घिरने लगती है आप या देखते ही चौक जाते हो क्या हो रहा है आपके देखते ही देखते पूरा टेबल पेपरों से भर जाता है और आप सोचने पर मजबूर हो जाते हो।

लेकिन आपके नजरिए से क्या दिखेगा की टेबल पर पेपर रखने के लिए जगह बची नहीं है आप चिल्लाओगी बस करो अब जगह नहीं है इतना कहते ही कोई मानव आएगा और आपके सारे टेबल से पेपर उठाकर किसी तीसरे डायमेंशन में डाल देगा जो होगा हाइट में एक के ऊपर एक स्टैंड कर देगा लेकिन आपकी नजरों के लिए सारे पेपर आपके फील्ड स्पेस से गायब जाएंगे।
वहां तो आप चींटी थे इसलिए आप थ्री डायमेंशन की टेबल को देख नहीं पाए थे कि पेपर को स्टैंड करके एक के ऊपर एक नीचे लगाया था लेकिन थोड़ा सा दिमाग पर प्रेशर डालकर सोचिए कि क्या हमारी दुनिया के बाहर भी यह नियम काम नहीं करता होगा ??क्या हमारी दुनिया के परे डायमेंशन नहीं होंगे या जहां हमारी इंद्रियां काम नहीं करती आप उसे देख नहीं सकते उन dimension में भी मैटर हो सकता है हमारे जैसा स्पेस भी।

हमारे पास उसे देखने या उस से इंटरेक्ट करने का एक्सेस नहीं है , लेकिन इसे अच्छी तरह समझने के लिए आपको पहले दुनिया कैसे बनी उसे समझना होगा समझना होगा पार्टिकल्स किस तरह काम करते हैं किस तरह जन्म लेते हैं और किस तरह गायब हो जाते हैं। अगर आप क्वांटम फिजिक्स को अच्छी तरह समझते हैं तो आप जानते होंगे सूक्ष्म पार्टिकल्स जन्म लेते हैं और अचानक गायब हो जाते हैं वह एक तरह से ब्रह्मांड के बीच इंटरेक्शन करते हैं जन्म के पश्चात ही कुछ पार्टिकल्स गायब हो जाते हैं जैसे की हमारे सामने से कोई मकान गायब हो जाए या कोई व्यक्ति गायब हो जाए।

वैज्ञानिक भी इस बात से बहुत हैरान हैं वैज्ञानिकों का मानना है कि क्वांटम मैकेनिकल पार्टिकल्स
किसी दूसरे डाइमेंशन से इंटरेक्ट होते हैं और गायब हो जाते हैं ?? इस बात पर वैज्ञानिकों का भी कोई क्लियर मत नहीं है लेकिन अनुमान पूरा पूरा यही है
इस इस विषय अर्पित सर या असफाक सर कुछ बता सके तो बहुत बहुत धन्यवाद होगा वैसे रोहन भाई के पास इसका कोई सटीक उदाहरण हो.....।
वैज्ञानिकों का मानना है कि वह ट्रेवल कर रहे हैं एक डायमेंशन से दूसरे डायमेंशन में जो हमारी आंखों से गायब होते दिख रहे हैं जिस तरह उस टेबल के चींटी को लगा था कि सारे पेपर गायब हो गए हैं लेकिन वह पेपर गायब नहीं हुए थे वह थर्ड डायमेंशन में रख दी गए थे। हम तीन dimension से आगे क्यों नहीं देख सकते क्योंकि हमारा एवोल्यूशन हमारी इंद्रियां हमें अफ्रीका के शेरों से बचाने के लिए इवोल्व हुई थी। कॉन्शसनेस तीन dimension के आगे नहीं।

क्या ऐसा भी हो सकता है इस ब्रह्मांड में कुछ ऐसे भी जीव है जो 3 डायमेंशन के आगे देख सकते हैं और उनसे इंटरेक्ट कर सकते हों?? अगर आप सोचे कि ऐसा संभव नहीं का आगे कोई भी जीव हो लेकिन ऐसा कुछ पता नहीं कर पाए हैं लेकिन हम मना भी नहीं कर सकते कुछ ऐसा मिल नहीं सकता हमारी पृथ्वी जिस तरह जीवन सपोर्ट करती है उससे बाहर भी जीवन मिल सकता है जीवन के लिए महत्वपूर्ण तत्व क्या है ?? यह जानना बहुत जरूरी है तभी हम समझ सकते हैं कि ब्रह्मांड में कहीं और जीवन हो सकता है या नहीं ।

ब्रह्मांड में ऐसा कौन सा एलिमेंट है जो सबसे ज्यादा पाए जाते हैं पहले नंबर पर है हाइड्रोजन , दूसरे नंबर पर हीलियम ,और तीसरे पर ऑक्सीजन , नंबर 4 कार्बन, नंबर 5 नाइट्रोजन, और दूसरे एलिमेंट्स। पृथ्वी पर इनमें से क्या ज्यादा पाया जाता है यानी पृथ्वी पर जो जीवन है इनमें सबसे ज्यादा किस एलिमेंट का योगदान है ,, यहां पर भी पहले नंबर पर आएगा हाइड्रोजन और नंबर 3 पर आएगा ऑक्सीजन । आप देखोगे हाइड्रोजन प्लस ऑक्सीजन मिलकर बनता है h20 जो मिलकर हमारे शरीर में 65% वेट है। हीलियम जोकि 2 नंबर पर है वह नहीं क्योंकि हेलियम इनेक्टिक एलिमेंट है वह किसी के साथ रेक्ट नहीं करता ।फिर चौथे नंबर पर है कार्बन जिस पर बेस्ड हमारा डीएनए हैं और अंत में नाइट्रोजन..
अब बचता है कार्बन ,कार्बन ही एक ऐसा एलिमेंट है जो एक्टिव है जो इतने मोलीक्विंस बना सकता है जिस से पूरे ब्रह्मांड में दूसरे एलिमेंट कंबाइंड करके बनाते हैं।इसलिए अगर पूरे ब्रह्मांड में कहीं भी जिंदगी होगी या पृथ्वी जैसा जीवन होगा चाहे थोड़ा विभिन्न होगा तो उसमें पक्का कार्बन बेस्ड जीवन होगा।इसलिए हम इतने स्पेशल नहीं हो सकते कि हमारे जैसे ब्रह्मांड में और भी हो या हमसे विभिन्न तरीके के हो,,

इस पृथ्वी में सबसे ज्यादा बुद्धिमान कौन है आप कहोगे इंसान इंसान से दूसरे नंबर पर कौन आता है दूसरे नंबर पर आता है चिंपैंजी आप कहोगे हम तो बहुत ज्यादा आगे हैं चिंपैंजी पीछे हैं जी लेकिन सच्चाई यही है हमारे और उनके डीएनए में मात्र 2% का फर्क है हमारे पास 2% परसेंट ज्यादा होने की वजह से हम इतने एडवांस है कि हम कंप्यूटर बनाते हैं आपस में बातचीत कर सकते हैं।

थोड़ा कल्पना कीजिए अगर वास्तव में इस दुनिया में कोई दूसरा जीवन निकला वाह हमसे वास्तव में बस दो पर्सेंट आगे हों तो वह हमसे कितने एडवांस होंगे क्या उनके पास में वह पावर होंगी जो तीसरे डायमेंशन को देख और उसे एक्सेस कर पाए??
अभी कुछ भी अनुमान लगाना बेकार है लेकिन अंदाजा लगाया जा सकता है हम ही स्पेशल नहीं है इस ब्रह्मांड में हो सकता है कि हम से कई गुना ज्यादा बुद्धिमान हो।
अगर कल्पना की जाए तो जा भी हो सकता है कि हम जो सब कुछ महसूस करते हैं यह सब जो सब कुछ देखते हैं यह सब कुछ किसी एक मायाजाल के अंदर हो हमारे अंदर जो फ्री विल दी हुई है वह भी एक समय सीमा तक हो हम किसी एलियन के टैंक में हो , या यह दुनिया या ब्राह्मण हमारे लिए बस एक छलावा हो हमारी खुद की इच्छाएं छलावा है या नहीं यह तो डिबेट का विषय है ...............

अगर इंसान इतिहास खोजा जाता है तो हम ज्यादा पीछे नहीं जा पाते हैं हमें तो शुरुआत तक नहीं पता बस कुछ वैज्ञानिकों द्वारा अनुमान है जिसे हम थ्योरी बताते हैं। एक्जेक्टली हमें कुछ नहीं मालूम हम बस अंधेरे में तीर मार रहे हैं .....हम अपने आपको आज एडवांस कह रहे हैं लेकिन आज भी हम यह सोचते हैं लेकिन हम हजार साल बाद भी यही कहेंगे कि और एडवांस होंगे उस वक्त हमारी सोच यही होगी कि हम और एडवांस होंगे एक तरह का मायाजाल जो हमें अंत की तरफ ले जा रहा है फिर एक बार शुरुआत होगी फिर अंत होगा।

अगर कुछ शब्दों में गड़बड़ी हो तो माफ कर देना।

Written by Munesh


No comments